हिंदुस्तान खतरे में है
ना इस्लाम खतरे में है, ना हिन्दू खतरे में है
धरम और मजहब से बटता इंसान खतरे में है
ना राम खतरे में है, ना रहमान खतरे में है
सियासत की भेट चढ़ता भाईचारा खतरे में है
ना कुरआन खतरे में है , ना गीता खतरे में है
नफरत की दलीलों से इन किताबो का ज्ञान खतरे में है
ना मस्जिद खतरे में है , ना मंदिर खतरे में है
सत्ता के लालची हाथो,इन दीवारों की बुनियाद खतरे में है
ना ईद खतरे में है , ना दिवाली खतरे में है
गैर मुल्को की नजर लगी है , हमारा सदभाव खतरे में है
जरा गौर से देखो मेरे देश वासियों
अब तो हमारा “हिंदुस्तान” खतरे में है……