ये कतई इस्लाम नहीं है
हर बार ये इल्ज़ाम रह गया,
हर काम में कोई काम रह गया,
नमाज़ी उठ उठ कर चले गये मस्ज़िदों से,
दहशतगरों के हाथ में इस्लाम रह गया.
खून किसी का भी गिरे यहां,
नस्ल-ए-आदम का खून है आखिर,
बच्चे सरहद पार के ही सही,
किसी की छाती का सुकून है आखिर.
ख़ून के नापाक ये धब्बे,
ख़ुदा से कैसे छिपाओगे,
मासूमों के क़ब्र पर चढ़कर,
कौन से जन्नत जाओगे.
दिलेरी का हरगिज़ हरगिज़ ये काम नहीं है,
दहशत किसी मज़हब का पैगाम नहीं है,
तुम्हारी इबादत,
तुम्हारा खुदा,
तुम जानो, …..
हमें पक्का यकीन है ये कतई इस्लाम नहीं है…
— निदा फ़ाज़ली
4 thoughts on “ये कतई इस्लाम नहीं है”
Its true that Islam religion is about peace and brotherhood.
No religion preaches voilence and bloodshed and Islam is another name for love, affection and dedication.
Absolutely Right
Amazing.